जिगर मुरादाबादी

बात सन 1920 – 21 की रही होगी मेरे दादा( ग्रैंड फ़ादर) मरहूम हर सहाय हितकारी, पेशे से वक़ील, फतेहपुर कचेहरी में अपने वकालत ख़ाने में बैठे किसी मुवक्किल का केस सुन रहे थे उनके मुंशी वज़ीर हसन उनके साथ बस्ते पर बैठे कोई मिसिल तैयार कर रहे थे कि उनके पास एक लकड़ी के […]

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प्रियंका यादव की पाँच कवितायेँ

1. ‘इस धारा में’ तुम पर्वत की तरह कोमल थे नदी तुम्हारे भीतर से बह गई मैं रेत की तरह कठोर था मैंने उसे बाहर आने नहीं दिया इस धारा में एक ने जीवन देखा दूसरे ने मृत्यु । 2. ‘मरघट’ मैं जब भी शवों को देखता हूं अपने जीवन से कुछ और प्रेम करने […]

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चंद्रिका चौधरी की चार लघुकथाएं

  टुकड़े-कपड़े             आज सुमन पटियाला-कुर्ती सिलने के लिए कपड़े को ज़मीन पर बिछाकर रखी है ताकि सही नाप में काट सके । एकाएक उसकी आँखें दीवार पर टिक-टिक करती घड़ी पर टंग गई । इस समय पड़ोस के दादा जी हर रोज चाय पीने आते हैं, अब तक नहीं आए ! कैंची वहीं छोड़ […]

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खलील जिब्रान की ‘पैगम्बर’

खलील जिब्रान की ‘पैगम्बर’ अंग्रेजी में लिखी 28 गद्य काव्य दंतकथाओं की पुस्तक है। यह 1923 में प्रकाशित हुई थी। भुवेंद्र त्यागी जी ने इसके 101 साल होने पर यह हिंदी अनुवाद किया है। चूंकि यह अरब-कथा है, इसलिए उन्होंने उर्दू शब्दों को वरीयता दी है ताकि कथा का प्रवाह बना रहे।खलील जिब्रान की यह […]

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 ययाति: अदम्य कामुकता का अभिनंदन ग्रंथ

विष्णु सखाराम खांडेकर जी द्वारा रचित, ज्ञानपीठ व साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत उपन्यास ‘ ययाति’ की भूमिका में वे लिखते हैं कि महाभारत में ययाति की कहानी में कच संजीवनी विद्या प्राप्त करने के बाद  देवलोक चला जाता है और फिर उस कहानी में कभी वापस नहीं आता। ययाति  उपन्यास की कथावस्तु में कच का […]

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ब्लैक ब्यूटी

निकहत ने टाइट जींस पहनी थी जिस पर छोटे आकार का टॉप उसके उभारों को इतना कसे था कि अधिक उत्तेजना से भर सके। मेहरून लिपस्टिक उसके होंठो को और आकर्षक बना रही थी। फ्लैट का दरवाजा मैंने ही खोला था। दरवाजा खोलते ही उसने पूछा –“डॉ. भूषण कहाँ है?” मैंने दूसरे कमरे की ओर […]

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ललन चतुर्वेदी की कविताएं

इरादतन प्रेम उसके बोलने से मात्र ध्वनि संचरित होती हैउसकी आवाज में कोई रंग नहीं होताउसके पैरों की आहट अनजानी सी लगती है उसका देखना सिर्फ देखना हैदृष्टि न तो संबोधित होती है,न आह्वान करती है रेल के डिब्बे सा चलता रहता है पटरी परयह महज इंजन से जुड़ाव का प्रतिफल है उसकी मुस्कान जैसे […]

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अनदेखी दुनिया की यात्रा

गहरे अंतरिक्ष में, जहाँ इंसान की कल्पना भी पहुँचने से डरती है, वहाँ एक ऐसा ग्रह था जो पृथ्वी से बिल्कुल अलग था-“एरियॉन”। यह कोई साधारण ग्रह नहीं था; यहाँ समय उल्टा चलता था। हर सुबह सूरज उगने के बजाय डूबता था, लोग बूढ़े होकर जन्म लेते और शिशु बनकर मृत्यु को प्राप्त करते।इस रहस्यमय […]

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सीमा सिंह की तीन कवितायें

एकालाप 1. स्मृति में होती है बारिश और भीग जाती है देह कोई सपना आँखों से बह निकलता प्रतीक्षा के घने जंगलों में पुकारे जाने के लिए ज़रूरी था किसी आवाज़ का साथ होना कोई न सुने तो अकेलापन और घहरा उठता है ! 2. कानों में गूंजती हैं अभी भी की गई प्रार्थनाएँ जुड़ी […]

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