1
हम यहाँ इकट्ठे हुए हैं
अमेरिकी धर्म अकेलेपन की
पूजा करने के लिए
आसान नहीं है
इतना व्यथित होना
लेकिन कष्ट स्त्री को ले आते हैं ईश्वर के समीप
और मैं इतनी भी छोटी नहीं हूँ कि समझ ना सकूं
मेरी माँ एक तालाब है।
2
तुम मुझे अपने राज़ बताते हो
और मैं तुम्हारी नाक को देखती हूँ
कहने को मेरे कपड़े धुल चुके हैं
फिर भी मैं वाशिंग मशीन की तरफ़
लौटना नहीं चाहती
स्पष्ट है कि यह
प्रेम कविता नहीं है।
3
ओ महामूर्ख!!
मुझे ज़िंदा कर दो!
मेरे दिल की गर्मी
कठोर और अनंत है।
शीर्षकहीन
मैं कभी नहीं चाहती थी
किसी और की होना
अपने अलावा
देखो, यह मैं हूॅं
इससे नफ़रत करती हूॅं मैं
और मेरा दिल भीग जाता है।
बाल कलाकार
वे बालों को
गूंथ-सा लेते हैं
मैं भी
एक बच्चे की तरह
और—
एक अभिनेत्री की तरह।
प्रणय-1
सिक्कों से बनाते हैं कोई कला
ऊन के गोलों से बुनते हैं बिल्लियां
कठोर बिल्लियां, पतली बिल्लियां
कला के कठोर शब्द
छुअन की असंभव कारीगरी
यह, यह है तुम्हारा गाल
यहाॅं, यहाॅं है तुम्हारी गर्दन।
प्रणय-2
यह तोड़-सा देता है माॅंसपेशियों को
और ख़ाली कर डालता है
कनपटियों को और पेट को
और यह हर रोज़ का माजरा है।
प्रणय-3
लोग कहते हैं
मैं तुमसे प्यार करता हूॅं
मुझे कोई परवाह नहीं
और मैं कभी थकती भी नहीं।
प्रणय-4
मैंने सुना है कि प्रेम
लोगों को बना देता है
मुलायम
लेकिन
मैं कभी नहीं रही
इससे अधिक
निर्मम।
अपमान
दिन के बीचों बीच
मैं लिप्त रहना पसंद करती हूँ
हम ईमानदार रहने की कोशिश कर रहे हैं
लेकिन सब जानते हैं कि यह संभव नहीं है
मेरी आँखें
तुम्हारी आँखों के लाल हैंगओवर में
प्रेयस, इसके सिवा कुछ भी नहीं
जो तुम चाह सको।
ज़हर दिए जाने की इच्छा
ज़िंदगी ऐसी ही होती है
तुम्हें मालूम नहीं होता
और यह घटित हो जाती है
एक सुर्ख़ दिल की तरह
तुम्हारा गाढ़ा लहू
और उसकी एक वास्तविक आँख।
इलेन काह्न लॉस एंजेल्स, कैलिफोर्निया में रहती हैं। वे कवयित्री, कलाकार और संगीतकार हैं। वे पोएट्री फील्ड स्कूल में शिक्षिका हैं। उनकी कविताएँ अनेक अंग्रेज़ी जर्नल्स जैसे Frieze, Granta, The Brooklyn Rail, Poetry Foundation, Art Papers आदि में प्रकाशित हैं। उनकी कुछ किताबें भी आ चुकी हैं जिनमें दो कविता संग्रह भी शामिल हैं।
देवेश पथ सारिया एक हिंदी कवि-गद्यकार एवं अनुवादक हैं।
कविता संकलन : नूह की नाव (2022); कहानी संग्रह : स्टिंकी टोफू (2025); कथेतर गद्य : छोटी आँखों की पुतलियों में (ताइवान डायरी, 2022); अनुवाद : हक़ीक़त के बीच दरार (2021), यातना शिविर में साथिनें (2023)।
पुरस्कार : भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार (2023)।
ईमेल : deveshpath@gmail.com