वरिष्ठ आलोचक प्रो. गोपेश्वर सिंह से अनुराधा गुप्ता की बातचीत
‘साहित्य के जनतंत्र में आलोचना प्रतिपक्ष की रचनात्मक भूमिका निभाने वाली विधा है’ गोपेश्वर सिंह हमारे समय के महत्त्वपूर्ण आलोचक व चिन्तक हैं. आधुनिक साहित्य के साथभक्ति साहित्य को अलग नजरिए से देखने और उसके महत्त्वपूर्ण आयाम उद्घाटित करने मेंउनका विशेष योगदान है.उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं – ‘नलिन विलोचन शर्मा’ (विनिबंध,साहित्य अकादेमी),‘साहित्य से संवाद’, ‘आलोचना […]
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