अरुण शीतांश की कविताएं भाग -3

पिता पिता को बोतल से पानी पीने नहीं आया पिता गंजी और कमीज़ की गंध से पहचान में आएऔर दो किलो खीरा ले आए पिता की नौकरी देर से लगीसाइकिल से पूरी की यात्रा वे एक मकान और एक दालान के शौकीन हैंजिनमें लगी रहीं चौकियां दो चारएक चपाकल कुछ पेड़ कुछ पूजा के लिए […]

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अरुण शीतांश की कविताएं भाग -2

गोडा़य गलद जैसे दन्त स पसंद नहीं हैलेकिन स से सावन बहुत पसंद हैजैसे मृत्यु शब्द पसंद नहीं हैलेकिन उसकी सुंदरता अलग हैकिसी का थूकना पसंद नहीं हैलेकिन थूक के बिनाजीवन असंभव हैइस तरह कई अक्षर, शब्द और स्थिति पसंद नहीं है लेकिन पृथ्वी सभी को पसंद हैऔर मुझे पृथ्वी से ज्यादा आकाश सांवली स्त्री […]

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अरुण शीतांश की कविताएं भाग -1

बहुत अधिक बातें अधिक लोगों नेअधिक बातें कीयानी बहुत अधिक बातें नदियों नेबहुत आराम से दूसरी नदी से बातें कीपहाड़ ने छोटे पठार से कीयहांँ तक की समुद्र भी नदियों से बातें की एक पेड़ ने दूसरे पेड़ सेरोज़ बातें कीसुखे हुए पेड़ों से भी बातें की!!!लेकिन मनुष्य उठा ले गए उसेऔर नहीं तो हरे […]

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