“अनभ्यास का नियम ”

“सुनो ना! चलो सोचना-सोचना खेलते हैं।” “पहले तुम!” “अच्छा चलो मान लो एक ट्रेन, एक शहर में पहुंचा दे तुम्हें, रिक्शे-तांगे, सबके सोये हुए होने के समय पर!”           “अब तुम दूधिया रौशनी वाली लैम्पपोस्ट के नीचे वाली बेंच पर बैठे सुबह को अगोरते हो! प्लेटफार्म के पीछे यूकिलिप्टस के पेड़ों का झुरमुट है। दस […]

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