विवेक उपाध्याय की कविताए भाग – 1
अहंकार मनुष्य का जीवन तब पलता हैधर्म और अधर्म के मार्ग पर चलता हैजब भी हो भयभीत तो उस ईश्वर को याद करता हैपरन्तु अहंकार वस कभी ईश्वर को बाधने चलता हैकृष्ण सभा में देते चुनौतीअहंकारी उसे स्वीकार करता हैअंत की परवाह किये बिनाफिर स्वयं नरको का भोग करता हैइसीलिए विपदा जब आती हैविवेक,बुद्धि को […]
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