बाल कविताएं भाग -3

दादी भी स्मार्ट हुईं बदल गया है और जमानाबदल गई हैं दादी भीपहले वाली नहीं है बंदिशमिली उन्हें आजादी भी दादी हंसकर सेल्फी लेतीपोस्ट उसे फिर करती हैंलाखों लाइक करते उनकोखूब फ्रेश वो रहती हैं एटीएम में जाकर दादीपैसे खुद ले आती हैंऔर मोबाइल से खुद ही वहबिजली बिल कटवाती हैं दौर आज का जैसे […]

Continue Reading

बाल कविताएं भाग -2

पापा आते जब दफ़्तर से पापा आतेकितनी सारी चीज़ें लाते कभी वो लाते काजू बर्फ़ीकभी वो लेकर आयें कुल्फी देते लाकर मुझको पेड़ासेब मुसम्मी अमरुद केला घूमने मुझको वो ले जायेंकार भी देखो खुद से चलायें जहां पे चाहें हम रुक जातेखींचते फोटो ख़ुशी मनाते पापा हैं तो मस्ती होतीचीज़ें सारी अच्छी होती पर मुश्किल […]

Continue Reading

बाल कविताएं भाग -1

” कहो साइकिल ट्रॉफी पाओ ” बोलो ऐसी कौन सवारीदिखती भी हो प्यारी- प्यारी नहीं कभी पेट्रोल वो खायेइधर-उधर पर आए-जाये घंटी जिसकी टन टन बजतीकदम कदम जो चलती रहती पायडिल जितना तेज घुमाएंउतना आगे बढ़ते जाएं नहीं जरा भी धुआं यहां परनहीं तेल का कुआं यहां पर घट जाती है इससे दूरीयोगा में भी […]

Continue Reading

ग़ज़ल

1. हमने जिस शख्स को हर रोज रुलाया हुआ है  मेरे मरने पे वही पास में आया हुआ  उससे रहती है मोहब्बत भी तो बच्चों जैसी  हमने वो पेड़ अगर खुद से लगाया हुआ है  जो बड़े लोग हैं रहते हैं बड़ों के जैसे  आसमां अपने को उंचे पे उठाया हुआ है   हमको क्यों फिक्र […]

Continue Reading