मेरे पिता आज से लगभग 45 वर्ष पूर्व, बुधवार, 9 जुलाई 1980 को इस दुनिया को, हम सब को छोड़ कर चले गए। कभी-कभी मन में ये विचार आता है कि काश वो आज हमारे साथ होते और उन…
वैकल्पिक व्यवस्था होने तक
हिन्दी के एक बड़े लेखक प्रभाकर माचवे ने कभी कहा था कि लेखक को स्वयं को बार-बार…
बात सन 1920 – 21 की रही होगी मेरे दादा( ग्रैंड फ़ादर) मरहूम हर सहाय हितकारी, पेशे से वक़ील, फतेहपुर कचेहरी में…
Abstract
Female labour force participation (FLFP) in India remains critically low, with only about 30% of women engaged in paid employment, despite their significant potential contribution to the country’s GDP. Several factors, including socio-cultural norms, economic…
ज़िन्दगी किस शय का नाम है? ज़िन्दगी शायद सफ़र का नाम है। इस सफ़र में चलते हुए सिर्फ जूते ही नहीं घिसते…
भारतवर्ष में जितने भी पर्व हैं, उनमें दीपावली सर्वाधिक लोकप्रिय और जन-जन के मन में हर्ष-उल्लास पैदा करने…
The year was 1985 when archaeological excavations at Ayodhya made it to the news for various reasons. The erstwhile Babri Mosque was one of the fourteen sites examined during the project. The group led by great B.B Lal was researching the existence of none other than Lord…
कानपुर के मुशायरे
यूं तो शेरी नशिस्ते साल भर होती रहतीं थीं लेकिन हल्के गुलाबी जाड़े शुरु होते ह…
ज़माने से आगे तो बढ़िए मजाज़
इश्क़ के एहसास को, वक़्त की नब्ज़ को, औरत के हक़ को और मज़लूम की आवाज़ को बड़े…
‘कानपुर का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं
इक तीर मेरे सीने में मारा के हाय हाय !’
अंग्रेज़ी में एक लफ्ज़…