हिंदुस्तान की सांस्कृतिक विरासत दीपावली

भारतवर्ष में जितने भी पर्व हैं, उनमें दीपावली सर्वाधिक लोकप्रिय और जन-जन के मन में हर्ष-उल्लास पैदा करने वाला पर्व है।वैदिक प्रार्थना है- ‘तमसो मा ज्योतिर्गमयः’ अर्थात अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला पर्व है- ‘दीपावली’ वैसे तो सनातन संस्कृति को मानने वाले दीपावली का पर्व सदियों से मनाते आ रहे हैं और निश्चित […]

Continue Reading

यादों में कानपुर पार्ट -2

कानपुर के मुशायरे यूं तो शेरी नशिस्ते साल भर होती रहतीं थीं लेकिन हल्के गुलाबी जाड़े शुरु होते ही कानपुर में मुशायरे ज़ोर पकड़ने लगते थे। मुशायरे ऑर्गनाइज़ करने में कई अदबी ऑर्गनाइज़ेशन एक्टिव थे और फाइनांशियल सपोर्ट में कॉरपोरेट्स का अहम रोल था। जिनमें बीआईसी यानि ब्रिटिश इंडिया कॉर्पोरेशन के अलावा जे के ग्रुप्स […]

Continue Reading

मजाज़ की याद में

ज़माने से आगे तो बढ़िए मजाज़ इश्क़ के एहसास को, वक़्त की नब्ज़ को, औरत के हक़ को और मज़लूम की आवाज़ को बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ बयान करने का सलीका मजाज़ में था। असरारुल हक़ मजाज़ तरक्की पसंद तहरीक के नुमाइंदे थे और ये वह दौर था जब इनका इन्किलाबी कलाम हर किसी के […]

Continue Reading

संस्मरण – यादों में कानपुर भाग -1

‘कानपुर का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं इक तीर मेरे सीने में मारा के हाय हाय !’ अंग्रेज़ी में एक लफ्ज़ है Amazing जिसका हिंदी तर्जुमा अद्भुत है और उर्दू में इसे हैरत अंगेज़ कहतें हैं। लेकिन हमारे लिए इन तीनों का असल मतलब कानपुर है! इस बात को वही समझ सकता है जो या […]

Continue Reading

ग़ज़ल

1. हमने जिस शख्स को हर रोज रुलाया हुआ है  मेरे मरने पे वही पास में आया हुआ  उससे रहती है मोहब्बत भी तो बच्चों जैसी  हमने वो पेड़ अगर खुद से लगाया हुआ है  जो बड़े लोग हैं रहते हैं बड़ों के जैसे  आसमां अपने को उंचे पे उठाया हुआ है   हमको क्यों फिक्र […]

Continue Reading