समीक्षा (review)

व्हीलचेयर से अनुभूतियों के आकाश की यात्रा : प्रदीप की कविता

अगर कहूं प्रदीप की कविता में ईश्वर बुदबुदाता है तो ये अतिशयोक्ति जैसा लग सकता है मगर है नहीं।1988 की आती सर्दियों में एक बच्चा जन्म लेता है। जिसके जन्म के…
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