विजय राही की कविताएँ 

चाह—१  मैंने चाहा था कि  उसकी आँखों में ख़ुद को देखूँ  उसके घर में रहूँ अपना घर समझकर  लेकिन उसने आँखें नहीं खोली  उसने गले से लगाया‌ मुझे   लेकिन अपना मुख नहीं खोला  आँखें झुकाए बैठी रही सामने दिन भर   सिर्फ़ सर हिलाकर हामी भरी कि   वह मुझसे प्रेम करती है   उसकी जिन कस्तूरी आँखों […]

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जिगर मुरादाबादी

बात सन 1920 – 21 की रही होगी मेरे दादा( ग्रैंड फ़ादर) मरहूम हर सहाय हितकारी, पेशे से वक़ील, फतेहपुर कचेहरी में अपने वकालत ख़ाने में बैठे किसी मुवक्किल का केस सुन रहे थे उनके मुंशी वज़ीर हसन उनके साथ बस्ते पर बैठे कोई मिसिल तैयार कर रहे थे कि उनके पास एक लकड़ी के […]

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खलील जिब्रान की ‘पैगम्बर’

खलील जिब्रान की ‘पैगम्बर’ अंग्रेजी में लिखी 28 गद्य काव्य दंतकथाओं की पुस्तक है। यह 1923 में प्रकाशित हुई थी। भुवेंद्र त्यागी जी ने इसके 101 साल होने पर यह हिंदी अनुवाद किया है। चूंकि यह अरब-कथा है, इसलिए उन्होंने उर्दू शब्दों को वरीयता दी है ताकि कथा का प्रवाह बना रहे।खलील जिब्रान की यह […]

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 ययाति: अदम्य कामुकता का अभिनंदन ग्रंथ

विष्णु सखाराम खांडेकर जी द्वारा रचित, ज्ञानपीठ व साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत उपन्यास ‘ ययाति’ की भूमिका में वे लिखते हैं कि महाभारत में ययाति की कहानी में कच संजीवनी विद्या प्राप्त करने के बाद  देवलोक चला जाता है और फिर उस कहानी में कभी वापस नहीं आता। ययाति  उपन्यास की कथावस्तु में कच का […]

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ललन चतुर्वेदी की कविताएं

इरादतन प्रेम उसके बोलने से मात्र ध्वनि संचरित होती हैउसकी आवाज में कोई रंग नहीं होताउसके पैरों की आहट अनजानी सी लगती है उसका देखना सिर्फ देखना हैदृष्टि न तो संबोधित होती है,न आह्वान करती है रेल के डिब्बे सा चलता रहता है पटरी परयह महज इंजन से जुड़ाव का प्रतिफल है उसकी मुस्कान जैसे […]

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