प्रो.उमापति दीक्षित

★ पूर्व अध्यक्ष :-
पूर्वोत्तर सामग्री निर्माण विभाग
केंद्रीय हिंदी संस्थान ,आगरा

★ पूर्व अध्यक्ष :- अंतरराष्ट्रीय हिंदी शिक्षण विभाग ,केंदीय हिंदी संस्थान ,आगरा

★ पूर्व अध्यक्ष :-
नवीकरण एवं भाषा प्रसार विभाग ,केंद्रीय हिंदी संस्थान ,आगरा

★ डी. लिट्. ” तुलसीदास का सौंदर्यबोध एवं उनकी मूल्य दृष्टि “

★ अध्यक्ष
तारक सेवा संस्था
वाराणसी
★ अध्यक्ष
महामना मालवीय मिशन
आगरा संभाग ,आगरा
★ उपाध्यक्ष
ग्लोबल संस्कृत फोरम उत्तर प्रदेश प्रांत , उत्तर प्रदेश

11 वें विश्व हिंदी सम्मेलन ,मॉरीशस में संस्थान प्रतिनिधि के रूप में सहभगिता तथा श्रीलंका में केंद्रीय हिंदी संस्थान ,आगरा द्वारा संचालित पाठ्यक्रम के परीक्षा संयोजक के दायित्व का निर्वहन करते हुए कोलंबो व कैंडी के विद्यार्थियों के परीक्षक ।
शैक्षणिक विदेश यात्राएँ..
1- मलेशिया
2- थाईलैंड
3- श्रीलंका
4- मॉरीशस
5- नेपाल
6- भूटान
7- सिंगापुर
★ “सौरत्न माला ” 100 हिंदी साहित्यकारों पर पुस्तक निर्माण वृहद परियोजना, केंद्रीय हिंदी संस्थान ,आगरा के संयोजक / संपादक

★ 15 किताबें प्रकाशित

★ 115 से भी अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय /अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित

★ 120 से भी अधिक राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में सहभागिता / वक्तव्य

★ 18 अध्येता कोशों के संपादक

★ विश्व रामायण कोश,अयोध्या शोध संस्थान, फैज़ाबाद , (संस्कृति मंत्रालय ,उत्तर प्रदेश) के समन्वयक

★ IQAC के संयोजक / अध्यक्ष

★ UGC केयर के समन्वयक
★ लोक शब्दकोश परियोजना प्रभारी
( अवधी , बुंदेली ब्रज ,भोजपुरी, राजस्थानी भाषा )

★”विश्व हिंदी प्रतिमान” व “अभिमत ” शोध पत्रिका के प्रधान संपादक

★ यू.जी.सी. एवार्डी
मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट

माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट

★ दूरदर्शन ,जी. टी.वी.व आकाशवाणी पर अनेक कार्यक्रम प्रसारित

★ आकाशवाणी पर अनेक वार्ता प्रसारित

★ ऑडियो कैसेट्स और साउंड क्लाउड सहित यू ट्यूब पर गायन/ वक्तव्य उपलब्ध
★ पुरस्कार/ सम्मान :-
1:- शिक्षक श्री – 2013
2:-साहित्य भूषण – 2019
3:-भारत रत्न पंडित मालवीय भाषा सम्मान-
2020
4:- उद्भव शिखर सम्मान –
2021
5- शब्दश्री सम्मान
2021
6- हिंदी भागीरथ सम्मान 2021
7- विश्व वागीश्वरी सम्मान – 2021
8 – मलेशिया – भारत गौरव सम्मान – 2023
9 – थाई- भारत गौरव सम्मान -2023
10 – युग तुलसी पं. रामकिंकर जी उपाध्याय सम्मान – 2024
11- साहित्य गौरव सम्मान – 2024
अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रवाह ,फिलेडेल्फिया, अमेरिका
12 – ग्लोबल हिंदी उत्कृष्टता सम्मान – 2024 ,सिंगापुर

★हिंदी राम काव्य परम्परा और तुलसी साहित्य में विशेषज्ञता। देश-विदेश में हिंदी के माध्यम से रामायण और भारतीय ज्ञान परंपरा तथा भारतीय संस्कृति के प्रचार -प्रसार में गहरी अभिरुचि।
★प्राचीन और मध्यकालीन साहित्य के साथ -साथ आधुनिक संदर्भों का अध्ययन और उसके सामाजिक एवं शैक्षणिक अनुप्रयोग पर निरंतर चिंतन
★गीत – संगीत विधा में संस्कृत और संस्कृति के समन्वय हेतु सक्रिय ।
★ अयोध्या शोध संस्थान फैज़ाबाद ,( संस्कृति मंत्रालय ,उत्तर प्रदेश ) द्वारा रामायण विश्व महाकोश के समन्वयक

प्रो.उमापति दीक्षित
विभागाध्यक्ष
सांध्यकालीन पाठ्यक्रम विभाग
केंद्रीय हिंदी संस्थान
(शिक्षा मंत्रालय ,भारत सरकार )
आगरा – 282005

अणु डाक:-
dr.umapati2011@gmail.com

भालचन्द्र जोशी

17 अप्रैल 1956 को आदिवासी क्षेत्र खरगोन में जनमे भालचन्द्र जोशी पेशे से इंजीनियर रहे और अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. किया है । आठवें दशक के उत्तरार्द्ध में कहानी लेखन की शुरुआत। जीवन का एक लंबा हिस्सा आदिवासियों के बीच बिताया है। आदिवासी जीवन पद्धति तथा कला का विशेष अध्ययन। निमाड़ की लोक कलाओं और लोक कथाओं पर काम। चित्रकला में सक्रिय रूचि। देश के प्रमुख अखबारों के लिए समसामयिक विषयों पर लेखन। कुछ समय तक लघु पत्रिका ‘यथार्थ’ का संपादन। इसके अतिरिक्त ‘कथादेश’ के नवलेखन अंक (जुलाई 2002) ,हरिशंकर परसाई विशेषांक ( दिसम्बर 2023 ) , ‘पाखी’ के प्रेम विशेषांक (अगस्त-सितम्बर 2020 ) ,दैनिक ‘आज की जनधारा’ समाचार पत्र, रायपुर की साहित्य वार्षिकी ( वर्ष 2022 , वर्ष 2023 तथा वर्ष 2024 और 2025 ) का संपादन। प्रेम पर केंद्रित चौदह लेखों की पुस्तक ‘प्रेम का घर : प्रेम की यात्रा’ , ‘सूचना-सभ्यता के स्वप्न पाश’ , ‘ग्लोबल गाँव में स्त्री’ तथा ‘आजादी का पर्यावरण और साहित्य का संघर्ष’ ( दो भाग ) पुस्तकों का संपादन । टेलीविजन के लिए क्लासिक सीरीज में फिल्म लेखन। कुछ कहानियों का भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा में अनुवाद।
नौ कहानी संग्रह , दो उपन्यास और कथा-आलोचना पुस्तकें – ‘यथार्थ की यात्रा’ , ‘कहानी:स्वप्न,यथार्थ और संवेदना’ तथा ‘ नामवर सिंह:आलोचना की सार्थकता’ प्रकाशित । उपन्यास ‘प्रार्थना में पहाड़’ का मराठी और कन्नड़ में अनुवाद। मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन का ‘वागीश्वरी पुरस्कार’। इंडिपेंडेंट मीडिया इनिशिएटिव सोसायटी दिल्ली का वर्ष 2012 का शब्द-साधक जनप्रिय लेखक सम्मान, म.प्र. अभिनव कला परिषद भोपाल द्वारा अभिनव शब्द-शिल्‍पी सम्मान, ‘जल में धूप‘ कहानी संग्रह के लिए 2013 का स्पंदन कृति सम्मान, ‘हत्या की पावन इच्छाएँ’ कहानी संग्रह के लिए 2014 का शैलेष मटियानी कथा पुरस्कार।
‘नामवर सिंह : आलोचना की सार्थकता’ पुस्तक के लिए वर्ष 2024 का डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी आलोचना सम्मान ।
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भालचन्द्र जोशी
नई दिल्ली-110-076
मोबाइल–89894 32087
joshibhalchandra@yahoo.com

भालचन्द्र जोशी

शिक्षा : इंटरमीडिएट और हिन्दी ऑनर्स (पटना कॉलेज, पटना)

 एम. ए. , एम. फ़िल्, पी-एच.डी. (जे एन यू, नयी दिल्ली)

प्रकाशन

पुस्तकें : 1. नागार्जुन की काव्य-भाषा 

  1. जाति के प्रश्न पर कबीर
  2. निराला काव्य-कोश
  3. दूसरी परम्परा का शुक्ल-पक्ष
  4. 5. प्रसाद काव्य-कोश
  5. छायावादी काव्य-कोश

प्रधान सम्पादक : ‘सत्राची’ त्रैमासिक पत्रिका

सम्पादन :

  1. निराला शब्द कोश (काव्य), 2009
  2. 2. सत्राची : वीर भारत तलवार विशेषांक, 2017
  3. 3. सत्राची : छायावाद पर केंद्रित विशेषांक, 2018
  4. 4. बेटियाँ – जितेन्द्र श्रीवास्तव की बेटियों पर लिखी कविताएँ, 2019
  5. 5. दुर्लभ परम्परा के आलोचक : वीर भारत तलवार, 2020
  6. असहमतियों के वैभव के कवि श्रीप्रकाश शुक्ल, 2024
  7. श्रीप्रकाश शुक्ल : चुनी हुई रचनाएँ, 2025

 

पुरस्कार :    1. सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार, 2017

  1. राजवल्लभ साहित्य सम्मान, 2020 
  2. अयोध्याप्रसाद खत्री स्मृति सम्मान, 2023

 

सम्प्रति :      अध्यक्ष एवं प्रोफेसर, हिन्दी विभाग,

राजकीय महिला महाविद्यालय, सेवापुरी, वाराणसी – 221403

संपर्क  :          A – 20, सन्धिनी, त्रिदेव कॉलोनी, चाँदपुर, वाराणसी – 221106

ई-मेल :        kamleshvermajnu@gmail.com

मो. नं. : 9415256226

उपासना

उपासना पिछले दस वर्षों से एक स्वतंत्र लेखिका के रूप में कार्यरत हैं। पूर्णकालिक लेखन में आने से पहले, वह एक शिक्षिका थीं। उनकी बच्चों तथा वयस्कों के लिएपाँच प्रकाशित पुस्तकें हैं। उन्होंने युवा पाठकों के लिए लघु कथाएँ, बाल उपन्यास और नाटक लिखे हैं। उपासना की पहली पांडुलिपि पर उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ का युवा लेखन पुरस्कार प्राप्त हुआ था। उन्हें बनमाली विशिष्ट कथा सम्मान तथा विजय मोहन सिंह कथा पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। 2024 में, नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित टॉय इंटीग्रेटेड स्टोरी प्रतियोगिता में 750 प्रस्तुतियों में से उनकी कहानी को शीर्ष तीन प्रविष्टियों में चुना गया था। लेखन के अलावा, उपासना बच्चों और शिक्षकों के साथ कार्यशालाओं और सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं और रचनात्मक शिक्षण वातावरण में योगदान देती हैं।