सर्द रात का आदमी

सुनाई देती है मुझे सर्द रातों में ठंड सेकड़कड़ाते हुए लोगों की आहटें ,और देखता हूँ थरथराते हुएउनके नंगे बदन को ।उनकी साँसों की गति जैसेकिसी बुलेट ट्रैन का पीछा कर रही हो। वह वही मजदूर है जो पेट भरने के लिएदिन में मेहनत कर पसीना बहाता है ,और सर्द रातों के सन्नाटे मेंकहीं सड़क […]

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गले न लगा

मेरे सफेद दामन पर तू दाग न लगा ,मेरा नहीं बन सकता तो तू इल्ज़ाम न लगा । तूने जो कुछ भी कहा मैंने सब सुन लिया ,अब अपने कहे पर तू पर्दा न लगा । तेरी तौहीन का हिस्सा नहीं बनना मुझे ,भले ही अब तू मुझे अपने गले न लगा । तेरी आदतों […]

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बचपन

बचपन ख़्वाब बुनता था बचपन में कभी जो मैं अब उन ख़्वाबों को याद करता हूँ  न जाने कहाँ खो गया बचपन मेरा मैं उस बचपन को याद करता हूँ । कभी खेला करता था मैं भी गलियों में कभी कूदा करता था मैं भी छतों पर कभी आते थे उलाहने घर मेरे भी  कभी […]

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ऐसा न होता 

जाने से पहले देखा तो होता , ख़्वाबों का घर मेरा टूटा न होता । रख लेता तुमको छुपाकर कहीं , नज़रों का तुम पर पर्दा न होता । ठहर जाते जो तुम्हारे कदम , तो ठहरा हुआ वक्त ठहरा न होता । ये बदली हुई – सी फ़ज़ाए न होती , ये बदला हुआ […]

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उससे प्यार 

मैं आज भी उसे हर क्षण याद करता हूँ, उसका नाम लेता हूँ उसकी बात करता हूँ। वो मेरे ख्यालों में भी है और ख़्वाबों में भी,  आँखें बंद करता हूँ तो उसका दीदार करता हूँ। उसकी तस्वीर बनाता रहता हूँ पन्नो पर, न जाने कितनी कॉपियाँ बेकार करता हूँ। कोई कर दे तारीफ़ मेरे […]

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