हरे प्रकाश उपाध्याय की छः कवितायेँ
ज़िंदगी जैसे रेलगाड़ी है भाई एक ही थाली में खाते थे चारों भाईशाम को एक ही तख्त पर करते पढ़ाई कभी मुहब्बत तो कभी होती लड़ाई वक्त की आंधी जो आईउड़ी मुहब्बत पढ़ाई लड़ाई बचपन में एक दोस्त था संतोषहारते कबड्डी तो होता संतोष परीक्षा में कम नंबर आते तो भी संतोष संतोष कि साथ है […]
Continue Reading