बचपन

बचपन ख़्वाब बुनता था बचपन में कभी जो मैं अब उन ख़्वाबों को याद करता हूँ  न जाने कहाँ खो गया बचपन मेरा मैं उस बचपन को याद करता हूँ । कभी खेला करता था मैं भी गलियों में कभी कूदा करता था मैं भी छतों पर कभी आते थे उलाहने घर मेरे भी  कभी […]

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औरत, रात, चाँद और कजरौटा!

औरत, रात, चाँद और कजरौटा! जिंदगी का कजरौटा! रखती वो सम्भाल कर, ऊपर, ताखे पर.. सफ़ेद लुगरी के बित्ते भर के कपड़े मे लपेट कर! कजरौटा अब भरने को है.. उम्र के भी चालीस पार होने को हैं। दुःखों की काले काजर को.. हर रात खुरच-खुरच मन के दीवार से हटा.. कर देती कजरौटा के […]

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Lokmata Ahilyabai Holkar: An Administrator Extraordinaire-II

This article is a second part of two part series on administration of great Queen of Malwa-Lokmata Ahilyabai Holkar. You can read the first part here. The first part explains the structure of a typical Maratha Kingdom and details the important figures involved in administration of Queen. This part of the series examines her administration […]

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Lokmata Ahilyabai Holkar: An Administrator Extraordinaire-I

Lokmata Ahilyabai Holkar, the queen of Indore, India, is renowned for her exceptional administrative skills. She ruled during the 18th century in malwa provice, a period of political turmoil and instability in the region. Despite the challenges, Ahilyabai successfully managed to bring unprecedented peace and prosperity to the region. Ahilyabai’s administrative acumen and commitment to […]

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उज्जैन से राजनांदगाँव वाया नागपुर

यह मैं हूं या शाख पर टिका आखिरी पत्तायह पतझड़ का मौसम या शुष्क हवा जागती सीदेखना है कृशकाया मेरी चीर देगी पवन का रुखया कि रुख़सत होने की घड़ी आ गई करीब धुंधला धुंधला सा वलय सूक्ष्म से स्थूल घेरताघेरा यह लेता अपनी परिधि मेंहवा, पानी, आकाश, अग्नि, धरा कोमानव तन और समूचा वातायनबढ़ते […]

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                        घोंसला

    वैसे तो कौवे कहीं दिखते नहीं , भूले – भटके  दिख गए तो मैं असहज हो जाता हूं। यह असहजता इतनी बढ़ जाती है कि लगता हृदय की धड़कन पर इसका असर हो रहा है। और किसी भी वक़्त दिल का दौरा पड़ सकता है। मैं बचाव का प्रयास करता हूं  लेकिन  अपने ऊपर […]

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लोकमाता अहिल्या बाई होलकर

एक पर्याय : सशक्त भारतीय स्त्री का                                            “The History of a nation is the biography of its great men” Thomas  Carlyle (किसी भी राष्ट्र का इतिहास उसके महान लोगों की जीवनी होता है।) संपूर्ण विश्व में समान अधिकारों के संघर्ष के सिलसिले में ‘नारीवाद’ शब्द सामने आया। ‘नारीवाद’ आधुनिक व परवर्ती काल में […]

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भारतीय लोकनाट्य परंपरा की आद्य कड़ी रामलीला : परंपरा और निरंतरता

*  भारत में रामलीलाओं की शुरुआत जिस देश के जनमानस के स्वभाव व संस्कार में उठते राम बैठते राम, सोते राम जागते राम, रोते राम हंसते राम, सुख में राम दु:ख में राम, अहर्निश राम ही राम, राम ही राम, राम ही राम, बसे हों उस देश में राम की के प्रसार माध्यमों कमी कैसे […]

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मेरी पुस्तकालय यात्रा

कई दिनों बाद जब मैं पुस्तकालय गई। देख कर मुझे ,पुस्तके, मुस्कुराने लगी उनके चेहरे पर मुस्कान ,आंखों में नमी थी। पूछती मुझसे ,बताओ हममें क्या कमी थी। कोने में बैठा ,साहित्य भी उदास था। सोचता, मैं भी कभी लोगों का खास था। घर-घर में जाता ,मिलता सबके पास था लेकिन आज विद्यार्थियो के लिए […]

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ग़ज़ल

1. हमने जिस शख्स को हर रोज रुलाया हुआ है  मेरे मरने पे वही पास में आया हुआ  उससे रहती है मोहब्बत भी तो बच्चों जैसी  हमने वो पेड़ अगर खुद से लगाया हुआ है  जो बड़े लोग हैं रहते हैं बड़ों के जैसे  आसमां अपने को उंचे पे उठाया हुआ है   हमको क्यों फिक्र […]

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