ये भीत हमारी है
और इसमें
ये टांगी हुई
तस्वीर उसकी है
भीत में दरारें हो गई है
तुम भी देखोगे
मगर बोलना मत
रंग भी उतरा होगा
मगर बोलना मत
क्यूंकि अब भीत पर
तस्वीर उसकी है
अगर तुम बोलोगे
तो बंद कर दिये
जाओगे
इन दरारों के बीच
सीमेंट से
और कहा जाएगा
‘सुधार हो गया है’
मगर तुम भीत को देखोगे
तो रहा नहीं जाएगा तुमसे
अच्छा तुम बोलना सच
चलो हम सब भी साथ हैं तुम्हारे
मिल के कहते हैं
भींत में दरारें हैं
कितनों को बंद करेंगें
–सत्य पी गंगानगर