‘चन्द्रगुप्त’ नाटक में आजीवक

जयशंकर प्रसाद ने अपने नाटकों में इतिहास से सम्बंधित अनेक तथ्यों का उपयोग किया है. वे जिस दौर में ऐतिहासिक उपन्यासों की रचना कर रहे थे उस दौर में औपनिवेशिक ढंग से भारतीय इतिहास को समझने-समझाने का क्रम चल रहा था. प्रसाद की विशिष्टता इस मामले में रेखांकित करने योग्य है कि उन्होंने औपनिवेशिक और […]

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