जैसा तुम सुकून पहुंचाने वाली हो
वैसा ही मधुर तुम गाती हो
पर क्यों जब भी क्लास में आती हो
हेडफोन अपने साथ लाती हो,
मैं उसे घूरता रहता हूं,
वह बेचारा अकेला रह जाता है,
तुम इग्नोर उसे करके फिर
चॉक हाथ में उठती हो,
जिस दिन मैं याद नहीं करता,
उसी दिन सवाल पूछने लग जाती हो
मेरे गर्व को करके चूर्ण,
मां घर में तो,
अध्यापिका विद्यालय में कहलाती हो,
क्या करें नखरे भी नही कर सकता मैं
विद्यालय में मेरी मां नही
पहले अध्यापिका धर्म जो निभाती हो।