
गहरे अंतरिक्ष में, जहाँ इंसान की कल्पना भी पहुँचने से डरती है, वहाँ एक ऐसा ग्रह था जो पृथ्वी से बिल्कुल अलग था-“एरियॉन”। यह कोई साधारण ग्रह नहीं था; यहाँ समय उल्टा चलता था। हर सुबह सूरज उगने के बजाय डूबता था, लोग बूढ़े होकर जन्म लेते और शिशु बनकर मृत्यु को प्राप्त करते।
इस रहस्यमय ग्रह की खोज एक वैज्ञानिक ने की थी-डॉ. आर्या सेन। आर्या एक भारतीय वैज्ञानिक थीं, जिन्होंने समय और अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने एक अनोखी मशीन बनाई, जिसे “टाइम वेव” कहा जाता था। यह मशीन न केवल समय में यात्रा कर सकती थी, बल्कि अलग-अलग ब्रह्मांडों में प्रवेश करने की शक्ति भी रखती थी।
एक दिन, जब आर्या अपनी लैब में काम कर रही थीं, तभी उनकी मशीन ने एक अजीब संकेत पकड़ा। यह संकेत अंतरिक्ष के उस हिस्से से आ रहा था, जिसे “ब्लैक ज़ोन” कहा जाता था-जहाँ तक इंसानी पहुँच असंभव थी। इस संकेत में एक संदेश छिपा था:
“यदि जीवन की असली रहस्य को समझना है, तो एरियॉन आओ।”
आर्या हैरान थीं। उन्होंने वर्षों तक अंतरिक्ष में अनगिनत खोजें की थीं, लेकिन ऐसा संदेश पहले कभी नहीं मिला था। क्या वहाँ कोई और सभ्यता थी? क्या यह किसी और ग्रह से आने वाला संदेश था?
आर्या ने बिना देरी किए “टाइम वेव” में प्रवेश किया और उसे “ब्लैक ज़ोन” की ओर निर्देशित किया। अचानक, एक तेज़ प्रकाश फैला और वह एक नए ग्रह पर पहुँच गईं-यह था एरियॉन।
एरियॉन पर कदम रखते ही आर्या ने महसूस किया कि यहाँ सबकुछ उल्टा था। पेड़ नीचे से ऊपर की ओर बढ़ते थे, पानी आसमान की ओर बहता था और लोग पीछे की ओर चलते थे। सबसे अजीब बात यह थी कि लोग यहाँ बूढ़े होकर जन्म लेते और जैसे-जैसे बड़े होते, बच्चे बन जाते।
आर्या ने वहाँ के निवासियों से संपर्क किया। वहाँ के लोग “एरियन्स” कहलाते थे। उनके नेता ज़ेफ़्रॉन ने आर्या का स्वागत किया। ज़ेफ़्रॉन ने बताया कि उनका ग्रह एक समय में पृथ्वी जैसा ही था, लेकिन एक प्राचीन गलती के कारण समय की धारा उल्टी हो गई।
“हमने एक ऐसी मशीन बनाई थी, जो समय को नियंत्रित कर सकती थी,” ज़ेफ़्रॉन ने कहा। “लेकिन एक दुर्घटना ने हमारे समय को उलट दिया। अब हम बूढ़े होकर जन्म लेते हैं और शिशु बनकर मर जाते हैं। हमारे पास समय को ठीक करने की तकनीक नहीं बची है। क्या तुम हमारी मदद करोगी?”
आर्या को यह चुनौती स्वीकार थी। उन्होंने अपने ज्ञान और “टाइम वेव” की मदद से एक नई मशीन बनाई, जो समय की धारा को फिर से सामान्य कर सकती थी। लेकिन इस प्रक्रिया में एक जोखिम था-अगर मशीन विफल हो गई, तो पूरा एरियॉन ब्रह्मांड से मिट सकता था।
ज़ेफ़्रॉन और एरियन्स ने आर्या पर विश्वास किया। वे जानते थे कि यही उनकी आखिरी आशा थी। आर्या ने मशीन चालू की। पूरी दुनिया में एक ज़ोरदार कंपन हुआ, आकाश में बिजली चमकी, और अचानक सबकुछ थम गया।
कुछ पल बाद, समय फिर से सामान्य हो गया। लोग अपनी वास्तविक अवस्था में लौट आए। एरियॉन अब एक सामान्य ग्रह बन चुका था।
ज़ेफ़्रॉन ने आर्या का धन्यवाद किया और उन्हें “टाइम कीपर” की उपाधि दी। आर्या ने महसूस किया कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। इस अनुभव ने उन्हें सिखाया कि विज्ञान केवल खोज के लिए नहीं, बल्कि जीवन को बेहतर बनाने के लिए है।
जब आर्या “टाइम वेव” के माध्यम से पृथ्वी पर लौटीं, तो उनके पास केवल एक चीज़ थी-एरियॉन की क्रिस्टल चाबी। यह चाबी एक रहस्य थी, जो एक नए ब्रह्मांड का द्वार खोल सकती थी। लेकिन यह एक और कहानी की शुरुआत थी…
मुस्कान खातून
बी ए तृतीय वर्ष हिंदी विशेष
कमला नेहरू कॉलेज