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रक्षाबंधन 

इस बार भी बंधे हैं बहनों के धागे मेरी कलाई में चमकीले, मोतियों जड़े लाल लाल रंग के नाड़ियों में दौड़ते द्रव्य से इस तरह हजारों सालों में…
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मेरी पुस्तकालय यात्रा

कई दिनों बाद जब मैं पुस्तकालय गई। देख कर मुझे ,पुस्तके, मुस्कुराने लगी उनके चेहरे पर मुस्कान ,आंखों में…