सीमा सिंह की तीन कवितायें
एकालाप 1. स्मृति में होती है बारिश और भीग जाती है देह कोई सपना आँखों से बह निकलता प्रतीक्षा के घने जंगलों में पुकारे जाने के लिए ज़रूरी था किसी आवाज़ का साथ होना कोई न सुने तो अकेलापन और घहरा उठता है ! 2. कानों में गूंजती हैं अभी भी की गई प्रार्थनाएँ जुड़ी […]
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