अनुराधा ओस की नौ कविताएँ
1 साथ – पेड़ में लगा गूलर का फूलजैसे नेनुआ के फूल किसी छप्पर पर बैठेउजास से भर देते हैं जैसे दिसंबर की ठंड में एक टुकड़ा धूपकलाई पर बंधी घड़ी समय तो नहीं बदल सकतीलेकिन बीतता समय जरुर बताती है जैसे किसी घने जंगल मेंकच्चा रास्ता मंजिल तक पंहुचा देता हैवसे ही तुम्हारा […]
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