अपनी बात
एक पुराना पद है – शब्द ब्रह्म है। उसकी अपनी महिमा और सत्ता है। आप जितने बार उसके पास जाते हैं..उतने बार उसके अर्थ और गहराई से खुलते हैं, कई बार एक ही शब्द के नए मायने चिंहुक कर हम तक पहुँच जाते हैं। शब्द घिसते हैं, अर्थ बदलते हैं, समय के अंतराल में नए […]
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