कबीर की पंक्तियाँ हैं, ‘सब दुनी सायानी मैं बौरा/ हम बिगरे बिगरी जनि औरा/’. इन पंक्तियों की जानी-पहचानी व्याख्या को छोड़ दें तो ये पंक्तियाँ एक व्यक्ति के…
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भारत में रामलीलाओं की शुरुआत
जिस देश के जनमानस के स्वभाव व संस्कार में उठते राम बैठते राम, सोते राम…
जाने से पहले देखा तो होता ,
ख़्वाबों का घर मेरा टूटा न होता ।
रख लेता तुमको छुपाकर कहीं ,
नज़रों का तुम पर…
मैं आज भी उसे हर क्षण याद करता हूँ,
उसका नाम लेता हूँ उसकी बात करता हूँ।
वो मेरे ख्यालों में भी है और…