1. मैं न आऊं लौटकर तो
मैं न आऊं लौटकर तो
तुम गाॅंव के जवानों
के पाॅंव की माटी
की टुकड़ी अपनी
चोखट के ऊपर
रख देना
मैं न आऊं लौटकर…
माँ तुम नहीं हो
पर मुझमें ही कहीं हो।
मैं गाती गीत
स्वर तुम्हारा होता
आँखे मेरी, आँसू…
चाह—१
मैंने चाहा था कि
उसकी आँखों में ख़ुद को देखूँ
उसके घर में रहूँ अपना घर समझकर
लेकिन…
इरादतन प्रेम
उसके बोलने से मात्र ध्वनि संचरित होती हैउसकी आवाज में कोई रंग नहीं होताउसके पैरों की आहट…