ये भीत हमारी हैऔर इसमेंये टांगी हुईतस्वीर उसकी है
भीत में दरारें हो गई हैतुम भी देखोगेमगर बोलना मतरंग भी उतरा होगामगर बोलना मत
क्यूंकि अब भीत…
पिता
जब - जब गांव गए पिता
अकेला हुआ
जब - जब पिता
साथ रहे
छाती भर दूब उग आयी
पिता को बोतल से पानी पीने नहीं…
दादी भी स्मार्ट हुईं
बदल गया है और जमानाबदल गई हैं दादी भीपहले वाली नहीं है बंदिशमिली उन्हें आजाद…
सुनाई देती है मुझे सर्द रातों में ठंड सेकड़कड़ाते हुए लोगों की आहटें ,और देखता हूँ थरथराते हुएउनके नंगे बदन…
पापा आते
जब दफ़्तर से पापा आतेकितनी सारी चीज़ें लाते
कभी वो लाते काजू बर्फ़ीकभी वो लेकर आयें कुल्फी
देते…
गोडा़य गलद
जैसे दन्त स पसंद नहीं हैलेकिन स से सावन बहुत पसंद हैजैसे मृत्यु शब्द पसंद नहीं हैलेकिन उसक…
बेवजह मत बनाओ उसेक्रांतिकारी और महानरहने दो उसे मनुष्य ही,अपनी कमजोरियों औरसंस्कारों के साथ ,जिसमेंवह…
बहुत अधिक बातें
अधिक लोगों नेअधिक बातें कीयानी बहुत अधिक बातें
नदियों नेबहुत आराम से दूसरी नदी से…
” कहो साइकिल ट्रॉफी पाओ ”
बोलो ऐसी कौन सवारीदिखती भी हो प्यारी- प्यारी
नहीं कभी पेट्रोल वो…
भूल गएं हैं हम, कवि का फर्ज़अरे! लिखो सच्चाई क्या है हर्ज़
लिखो तुम अबला का विलापमासूमों का दर्द, परिवार…
क्या कहते हो कुछ लिख दूं,मैं ललित कलित कविताएं।
चाहो तो चित्रित कर दूं,जीवन की वरुण कथाएं।।
सूना कवि-…
मैं तुमसे बातें करना चाहता हूंजब एकांत में तुम्हे पाता हूंतुम बहुत कुछ मुझे समझा जाती हो,मगर पलकें तक न…
आज फिर से मक्के की रोटी बनाई हैउसके साथ साग तीसी और हरी मिर्च,मां लाई हैतुम खाने आओगी क्या?एक बार फिर…
मनोकामनाएं
मैक्स एरमन
शोर और जल्दबाजी में चलो शांत भाव से,रखो याद कि मौन में संभव है बेपनाह…
औरत, रात, चाँद और कजरौटा!
जिंदगी का कजरौटा!
रखती वो सम्भाल कर,
ऊपर, ताखे पर..
सफ़ेद लुगरी के बित्ते भर के…
यह मैं हूं या शाख पर टिका आखिरी पत्तायह पतझड़ का मौसम या शुष्क हवा जागती सीदेखना है कृशकाया मेरी चीर देग…
1 साथ –
पेड़ में लगा गूलर का फूलजैसे नेनुआ के फूल
किसी छप्पर पर बैठेउजास से भर देते हैं
जैसे दिसंबर…